न्याय के मंदिर में
प्रेम ढूंढ रहा था वो।
बाबा साहेब के संविधान की जगह
तुमको था पूज रहा।
मेनका बनकर
विश्वामित्र की तपस्या तो भंग कर दी|
लेकिन संसार बसाने के बजाय
क्यों धकेल दिया उसे बुद्ध की राह पर।
न्याय के मंदिर में ऐसा अन्याय!
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