आज मेरा जन्मदिन हैं
पिछले साल भी आया था
अगले साल फिर आएगा
दोस्त- रिश्तेदार बधाई दे रहे हैं
वे खुश हैं , या फिर दिखावा कर हैं
पर मैं दुखी हूँ
की एक साल और व्यर्थ गया
बिना अपने जनम की सार्थकता सिद्ध किए हुए
जिस दिन कर लूंगा वो कार्य
जिसके लिए जन्मा हूँ मनुष्य योनि में
उस दिन मनाऊंगा अपना जन्मदिन
मैं खुश होऊंगा तब
दोस्त -रिश्तेदारों की मनोदशा तब कैसी रहेगी ,
कह नहीं सकता !