Tuesday, 2 December 2014

जन्मदिन

आज मेरा जन्मदिन हैं 
पिछले साल भी आया था 
अगले साल फिर आएगा 

दोस्त- रिश्तेदार बधाई दे रहे  हैं 
वे खुश हैं , या फिर दिखावा कर हैं 

पर मैं दुखी हूँ 
की एक साल और व्यर्थ गया 
बिना अपने जनम की  सार्थकता  सिद्ध किए हुए 

जिस दिन कर लूंगा वो कार्य 
जिसके लिए जन्मा हूँ मनुष्य योनि में 
उस दिन मनाऊंगा अपना जन्मदिन 
मैं खुश होऊंगा  तब 

दोस्त -रिश्तेदारों की मनोदशा तब कैसी रहेगी , 
कह नहीं सकता !